झोलाछापों पर चली छापामार कार्यवाही।

बुलंदशहर (डीके निगम/आशीष कुमार)स्याना स्वास्थ्य विभाग व पुलिस के संयुक्त 'ऑपरेशन झोलाछाप ' के दौरान 2 क्लिनिक सील कर दिए गए। छापेमारी की भनक लगते ही अधिकांश झोलाछाप तालाबंदी कर भूमिगत हो गए। छापामार दल झोलाछाप/अपंजीकृत डॉक्टरों की तलाश में उनके अड्डों पर पहुंचता देखा गया। बुधवार को उक्त बड़ी कार्यवाही स्याना नगर व क्षेत्र के ग्रामों में हुई। टीम में सीएचसी चिकित्सा अधीक्षक डॉ रविंद्र कुमार, चिकित्साधिकारी अभिषेक भारद्वाज, तहसीलदार संजय कुमार सहित कोतवाली पुलिस के सब इंस्पेक्टर राजबहादुर राठी सम्मिलित रहे। कोरोनावायरस महामारी के फैलाव के दृष्टिगत जिला प्रशासन स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों को आगाह किया है कि अपंजीकृत/ झोलाछाप चिकित्सकों से ईलाज न कराएं। ऐसे चिकित्सकों को इन्फेक्शन प्रीवेंशन की जानकारी नहीं होती है और न ही उन्हें जिला चिकित्सालय द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है। इनसे किसी भी तरह का ईलाज कराने पर संक्रमण की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने स्याना नगर व ग्रामीण क्षेत्र में छापेमारी की। चिकित्सा अधीक्षक डॉ रविंद्र कुमार ने बताया कि कोतवाली रोड स्थित डॉ राजा उल हक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नहीं पाए गए। कोतवाली स्याना में  उचित धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है। छापामार दल ग्राम चांदपुर पहुंचा तथा चांदपुर निवासी सतवीर पुत्र जयराम अपने क्लीनिक पर मिले। सतवीर प्रैक्टिस से संबंधित रजिस्ट्रेशन व डिग्री नहीं दिखा पाए। उनके खिलाफ विभिन्न अधिनियमों की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराए जाने की जानकारी टीम ने दी। स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी की खबर स्याना टाउन में फैल गई। झोलाछाप चिकित्सक अपने अपने क्लीनिक बंद कर भूमिगत हो गए। डॉ रविंद्र कुमार ने बताया है कि वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर अपंजीकृत अप्रशिक्षित कथित चिकित्सकों के विरुद्ध छापेमारी की जा रही है। किसी भी अपंजीकृत चिकित्सक/ झोलाछाप चिकित्सक को क्लिनिक खोलने की अनुमति नहीं है। कोविड-19 कोरोनावायरस संक्रमण तथा जन स्वास्थ्य के दृष्टिगत विभाग का छापेमारी अभियान जारी रहने की बात चिकित्सा अधीक्षक ने कही।